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लगजां गले कि फिर ये हंसी रात हो न हो ।

लगजां गले कि फिर ये हंसी रात हो न हो ।
शायद फिर इस जनम में , मुलाकात हो न हो ।। 2
 लगजां गले की ------------------------------
        हम को मिली है आज ये ,धडियां नसीब से
       जी भ्‍ार के देख लीजिये हमको करीब से
      फिर आप के नसीब में ये बात हो न हो
     शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो ।
     लगजां गले कि फिर ये हंसी रात हो न हो ।
पास आईये कि हम नही , आयेगे बार बार ।
बाहे गले में डाल के हम रो ले बार बार ।।
आंखों से फिर ये प्‍यार की बरसात हो न हो ।
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो ना
लग जा गले कि फिर ये हंसी रात हो न हो ।

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