यह मेरा दीवानापन है (यहूदी -१९५८) गीतकार : शैलेन्द्र , गायक : मुकेश , संगीतकार : शंकर जयकिशन दिल से तुझको बेदिली है मुझको है दिल का गुरूर तू यह माने या न माने लोग मानेंगे ज़रूर यह मेरा दीवानापन है या मोहब्बत का सुरूर तू न पहचाने तो है यह तेरी नज़रों का कुसूर यह मेरा दीवानापन … दिल को तेरी ही तमन्ना दिल को है तुझसे ही प्यार चाहे तू आये न आये हम करेंगे इंतज़ार यह मेरा दीवानापन … ऐसे वीराने में एक दिन घुट के मर जायेंगे हम जितना जी चाहे पुकारो फिर नहीं आयेंगे हम यह मेरा दीवानापन …
साहित्य उन्माद मेरे हिन्दी साहित्य रचनाओं का एक संगृह है