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कौन है हम

                              कौन है हम         कौन है हम ,                                            कहॉ से आये ,         कहॉ जाना है ।         कुछ पता किया ,        कुछ भूल गये हम ।    कौन है हम ,     कहॉ से आये ,       मुंसाफिर है हम ,    सराये में आये ,   कल कहॉ जाना है ,    कुछ पता किया ,   कुछ भूल गये हम ।   अपनों के खॉतिर , सब कुछ किया , मगर वो भूल गये । अपनों में पराये हो गये हम । कहॉ जाना है । कुछ पता किया कुछ भूल गये हम ।        जिन्‍दगी कुछ बची ,        कुछ खत्‍म हुई ,       इस भीड में तन्‍हा हो गये हम ।      कहॉ जाना है ।      कुछ पता किया     कुछ भूल गये हम ।        डॉ0 के0एस0 चन्‍देल   बी.एम.सी के सामने सत्यम नगर  सागर म0प्र0      मो0 - 9926436304

साथ साथ - डॉ0 के0एस0 चन्‍देल

                       साथ साथ   हम साथ साथ तो चलते रहे । रेल की पटरियों की तरह ।। पर कभी न मिल सके । जमीन आंसमा की तरह ।।                एक दूजे से नफरत तो थी नही ,               दुश्‍मनों की तरह ।               मगर एक ही छत के नीचे ।              रहते थे परायों की तरह ।।   हम साथ साथ तो चलते रहे । रेल की पटरियों की तरह ।। सावन भादों ऐसे गुजरें । पतझड में सूखें पत्‍तों की तरह ।।                कभी सपने हुआ करते थे बेर्दर्दी ऑखों में ।               अब ऑसू बरसतें है बारिश की तरह ।। कोई ऑसू पोछने वाला भी नही था । हमर्दद अपनों की तरह ।। बेर्दर्दी जमाना होता तो कोई गम न था । अपने ही पराये हो गये सपनों की तरह ।।                 जिनके लिये खुशियॉ लुटाई ।                वो हर पल रहे परायों की तरह ।।         डॉ0 के0एस0 चन्‍देल   वृन्‍दावन वार्ड गोपालगंज सागर म0प्र0      मो0 - 9926436304