मनोयोग एक चमत्कार आप अपने जीवन में जो कुछ भी पाना चाहते है ,सब कुछ आप प्राप्त कर सकते है । इसमें कोई सन्देह नही है न ही यह कोई जादू या चमत्कार है । आप की लगन व महनत आप को वो सब कुछ दिला सकता है जिसकी आप को चाहत है ।कुदरत की दिखने वाली अव्यवस्थ रचना में भी एक व्यवस्था है । जैसें आप चटटानों को ही देखे , इसमें भी एक व्यवस्था है फूल पत्ते ,तितलियों के पंख, आदि पर गौर करे तो आप पायेगे कि इनकी बनावट व रंगों आदि में एक क्रम एकरूपता जैसी व्यवस्था है । जैसे फूलों की पॅखुडियॉ एक क्रम से ऊपर की तरफ बढती है फिर नीचे की तरु छोटी व एक सी होती जाती है रंग भी इसी प्रकार होते है ,तितलीयों के पॅखो की बनावट आकार प्रकार व रगों में भी आप को एक क्रम व एकरूपता मिलेगी ,अर्थात कहने का अभिप्राय यह है कि कुदरत की रचना में एक सुनिश्चित व्यवस्था है ।यह तो एक मात्र भौतिक वस्तुओं का उदाहरण था । अब देखे हमारे आकाश गंगा में लाखों करोडों की संख्या में हमारी पृथ्वी से भी बडे बडे गृह है । जो एक दूसरे की परिक्रमा कर रहे है व एक
साहित्य उन्माद मेरे हिन्दी साहित्य रचनाओं का एक संगृह है